Friday, August 6, 2010

मुझे क्षमा करना

मुझे क्षमा करना!

मैं अपनी और अपनी तमाम मुस्लिम बिरादरी की ओर से आप से क्षमा और माफ़ी माँगता हूँ जिसने मानव जगत के सब से बड़े शैतान (राक्षस) के बहकावे में आकर आपकी सबसे बड़ी दौलत आप तक नहीं पहुँचाई, उस शैतान ने पाप की जगह पापी की घृणा दिल में बैठाकर इस पूरे संसार को युद्ध का मैदान बना दिया। इस ग़लती का विचार करके ही मैंने आज क़लम उठाया है कि आप का अधिकार (हक़) आप तक पहुँचाऊँ और निःस्वार्थ होकर प्रेम और मानवता की बातें आपसे कहूँ।


वह सच्चा मालिक जो दिलों के भेद जानता है, गवाह है कि इन पृष्ठों को आप तक पहुँचाने में मैं निःस्वार्थ हूँ और सच्ची हमदर्दी का हक़ अदा करना चाहता हूँ। इन बातों को आप तक न पहुँचा पाने के ग़म में कितनी रातों की मेरी नींद उड़ी है। आप के पास एक दिल है उस से पूछ लीजिये, वह बिल्कुल सच्चा होता है।

17 comments:

  1. यार तुम क्या तफ्री लाए हो?

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  2. आपने एक ही बात इतनी बार क्यों लिखदी?

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  3. आपके विचार अच्छे हैं, लेकिन कहीं आप भी तो एनी धार्मिक ब्लोगर की शुरू में कुछ और तथा बाद में कुछ और ही नज़र आएं? याद रखना दिल दुखाकर कभी सवाब हासिल नहीं किया जा सकता है.

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  4. यह कमेन्ट moderation हटा दें तो अन्य लोगो को भी अपनी राय देने में आसानी होगी.

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  5. हिंदी ब्लॉग के अनंत सागर में आपका स्वागत है
    शुभकामना!

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  6. आपका स्वागत है !
    आपके शब्द स्पष्ट नहीं हैं , पूरी बिरादरी ने ऐसा कोई गुनाह नहीं किया जिसके लिए आप माफ़ी मांगे और न ही आपका अधिकार है आशा है गौर करेंगे !!

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  7. Shah Nawaz जी, सत्यप्रकाश पाण्डेय जी और सतीश सक्सेना जी,

    मैं आपका अपने ब्लॉग पर इस्तकबाल करता हूँ, यहाँ आने और लेख को पढने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया.

    शाहनवाज़ जी और सतीश जी आप बेफिक्र रहिए, मैं आपको शिकायत का मौका नहीं दूंगा. मैं आपको पहले भी पढता रहा हूँ. कभी कमेन्ट नहीं कर पाया इसके लिए माज़रत चाहता हूँ.

    सतीश जी यह माफ़ी इसलिए है क्योंकि अक्सर कुछ लोग इस्लाम की सच्चाई दुनिया के सामने लाने की जगह तथाकथित बुराइयों को उजागर करने के मिशन में लगे रहते हैं. इस कारण शांति और प्रेम की जगह अशांति और नफरत पूरी दुनिया में फ़ैल रही है. मेरा प्रयास रहेगा की प्यार को फैलाया जाए और इस्लाम की हकीकत को दुनिया के सामने पेश किया जाए.

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  8. आप लिखिये
    हम पढने आते रहेंगें

    प्रणाम

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  9. agr koi gunaa aapne hmaare mulk or mulk ke logon se kiyaa to hm shmaa nhin krenge lekin khuda ki shaan men gustaakhi ki to bs tobaa krnaa shayd khudaa maaf krde koh kesi rhi. akhtar khan akela kota rajsthan

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  10. चलिए अच्छी बात है आप अपनी बात कहिये और हम क्या कहें.
    जो भी कहना था साथी टिप्पणीकार कह ही चुके हैं.
    हमारी ओर से आप को शुभकामनायें.

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  11. आपका आना अच्छा लगा और यह देखकर और भी अच्छा लगा कि आपका स्वागत करने के लिये कई लोग पहले ही बिराजमान हैं।।

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  12. Please see
    http://hamarianjuman.ning.com/profiles/blogs/6176643:BlogPost:26

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  13. हिन्दी चिट्ठजगत में स्वागत है।

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  14. स्वागत है आपका मगर नियमित रहिये ...शुक्रिया !

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  15. Most welcome for creative and more sensitive issue. You have to face many problems but you have to stand on your vision. we are always with you. God bless you.

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  16. मेरी ओर से भी ब्लॉग-जगत में आपका बहुत-२ स्वागत है

    शुभकामनायें

    महक

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